भारत की एस-400 रक्षा प्रणाली:India's S-400 Defense System

💥भारत की एस-400 रक्षा प्रणाली

भारत-पाकिस्तान युद्ध के मौजूदा परिदृश्य में, जहाँ हमले मिनटों में नहीं बल्कि पलक झपकते ही हो जाते हैं, हर देश ने मजबूत हवाई सुरक्षा प्रणाली बनाई है। ऐसी ही एक उन्नत तकनीक है S-400 ट्रायम्फ, जिसे दुनिया की सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली माना जाता है।


💥एस-400 क्या है?

एस-400 ट्रायम्फ रूस निर्मित वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है जो: देश की सीमाओं की रक्षा करती है।

लड़ाकू जेट

क्रूज मिसाइल

बैलिस्टिक मिसाइल

ड्रोन

जैसा कि ऊपर बताया गया है, यह 400 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है। यह सिर्फ़ मिसाइल दागने वाला उपकरण नहीं है, बल्कि इसके अंदर कई रडार लगे होते हैं जो सिग्नल देते हैं और फिर मिसाइल छोड़ देते हैं

💥एस-400 एयर डिफेंस की विशेषताएं क्या इसे अद्वितीय बनाता है?

व्यापक ट्रैकिंग क्षमताएँ

S-400 हवा में 600 किलोमीटर तक किसी भी लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है और एक साथ 36 लक्ष्यों पर फायर करने में सक्षम है

यह 4 प्रकार की मिसाइलों से लैस है

यह सिस्टम अलग-अलग रेंज की चार मिसाइलें दाग सकता है:

• 40N6E - 400 किमी

• 48N6DM - 250 किमी

• 9M96E2 - 120 किमी

• 9M96E - 40 किमी



*तेज़ प्रक्षेपण

रडार पर लक्ष्य का पता लगने के बाद, मिसाइल को मात्र 10 सेकंड में प्रक्षेपित कर दिया जाता है

*उच्च ऊंचाई से हमला

यह मिसाइल 30 किमी की ऊंचाई पर उड़ सकती है, जिसका अर्थ है कि उच्च ऊंचाई वाले बमवर्षकों और यहां तक ​​कि उपग्रहों के कक्षीय भाग पर भी प्रभावी हमला संभव है।

💥विश्व के देश और एस-400

रूस निर्मित एस-400 रक्षा प्रणाली को विदेशी बाजारों में बिक्री के लिए मंजूरी दे दी गई है। कई देशों ने इसे खरीदा है, जो इस प्रकार हैं:

💥देश की स्थिति

भारत ने - 5 यूनिट खरीदी, पहली बार पंजाब में तैनात (चीन के खिलाफ)

चीन - पहला गैर-रूसी ग्राहक

तुर्की ने -  नाटो सदस्य होने के बावजूद इसे खरीदा

सऊदी अरब,- कतर वार्ता जारी



💥भारत के लिए फायदा

चीन और पाकिस्तान के खिलाफ ढाल

भारत ने अपने पहाड़ी इलाकों और सीमावर्ती इलाकों में एस-400 तैनात करके अपनी वायु रक्षा प्रणाली को काफी मजबूत किया है। यह चीन और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमा विवाद में खास तौर पर उपयोगी है

भारतीय वायु शक्ति में वृद्धि

भारत के लड़ाकू विमान राफेल, एस-30 एमकेआई, मिराज के साथ-साथ एस-400 तकनीक के साथ एकीकरण संभव है, ताकि पूरा वायु रक्षा नेटवर्क एक साथ काम कर सके।

💥एस-400 पर विवाद

अमेरिका और CAATSA

रूस द्वारा बनाया गया S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे अमेरिका ने CAATSA संशोधन अधिनियम के तहत S-400 खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। जिसके कारण तुर्की और अमेरिका के रिश्तों में दरार आ रही है। भविष्य में इस फैसले से भारत को भी नुकसान हो सकता है।



💥भविष्य में एस-500 और उससे आगे

एस-400 विकसित करने के बाद, रूस इसके अगले संस्करण, एस-500 प्रोमेटी पर काम कर रहा है, जिसका उपयोग इनसे निपटने के लिए किया जाएगा:

हाइपरसोनिक लक्ष्य

उपग्रह

अंतरिक्ष हथियार

इसे हवाई हमलों के विरुद्ध उपयोगी बनाया जाएगा।

💥एस-400 दुनिया की सर्वश्रेष्ठ रक्षा प्रणाली क्यों है?

एस-400 ट्रायम्फ न केवल युद्ध के लिए बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय राजनीति 
के लिए भी एक बड़ा हथियार है। भारत के लिए यह एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली है,
खासकर तब जब हवाई हमलों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
हाल ही में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का

इस्तेमाल किया जो काफी सफल रहा। एस-400 की मांग बढ़ गई है।

💥क्या आप जानते हैं?

एस-400 एक साथ विभिन्न प्रकार की मिसाइलों को प्रक्षेपित करके अनेक लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है - बहुत कम रक्षा प्रणालियाँ ऐसा कर सकती हैं!


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